संयम और युक्ति

इंसानों के बीच रहने वाला एक पालतू कुत्ता एक दिन अपने घर जाने के क्रम में रास्ता भटक गया और चलते चलते वह घने जंगल में प्रवेष कर गया।
भटके हुये रास्ते पर चलते-चलते वो काफी अंदर तक चला आया। तभी उसे अपने चलने के क्रम में कुछ आहट सुनाई दी और उसने मुड़ के देखा तो पाया कि एक शेर उसकी तरफ बढ़ता आ रहा है। कुत्ते की सांस थम गयी। उसने सोचा कि आज तो मेरे जिवन का अंत बिन्कुल निष्चित हैै।
लेकिन मरने से पहले मैं बचने का हर संभव प्रयास जरूर करूंगा। (Fight till the End)
ये सोच कर वो तेजी से आगे बढ़ते हुये अपने बचने का उपाय सोचने लगा। तभी उसने सामने कुछ सूखी हड्डियाँ   पड़ी देखीं।
वो आते हुए शेर की तरफ पीठ कर के बैठ गया, और एक सूखी हड्डी को मॅंूह से कड़कड़ाती आवाज में तोड़ने के साथ जोर-जोर से बोलने लगाकृ
वाह ! आज तो मजा आ गया, शेर को खाने का आनंद ही कुछ और है।
एक और षेर मिल जाए तो आज पूरी दावत हो जायेगी और तबियत खुष हो जायेगी। आज बहुत दिनों बाद षेर का षिकार मिला है, नही ंतो मुझे देखते ही साले भाग खड़े होते हैं।
ऐसा बोलते हुये उसने एक और हड्डी चटकाते हुये जोर से डकार मारी।

ये देख कर शेर की चाल और साॅंस रूक गई।
वो सोचने लगा- हे भगवान ये कुत्ता तो शेर का भी शिकार कर डालता है! अच्छा हुआ जो मैं दबे पाॅंव चल रहा था नही ंतो मेरी आहट पा जाता और न जाने आज मेरा क्या होता। इसलिये यहाॅं से जान बचा कर भागने में ही भलाई है।
और शेर वहां से दबे पाॅंव जान बचा कर भाग खड़ा हुआ।

पेड़ पर बैठा एक बन्दर यह सब तमाशा देख रहा था।
उसने सोचा यह बहुत ही अच्छा मौका है, शेर को सारी कहानी बता देता हूँ, इस तरह षेर को आज का षिकार भी मिल जायेगा और उससे मेरी दोस्ती भी हो जायेगी, और सबसे अच्छा ये होगा कि उससे जिन्दगी भर के लिए जान का खतरा भी दूर हो जायेगा। ये सोच वो पेड़ से कूदा और सरपट शेर के पीछे भागा।

इधर कुत्ते ने बन्दर को षेर की तरफ जाते हुए देख लिया और बंदर की चाल समझ गया। एक बार फिर उसपर काल मंडराता दिखने लगा।

उधर बन्दर ने शेर को झटपट सारी कहानी बता दी कि कैसे कुत्ते ने उसे बेवकूफ बनाया है। ये सुन कर षेर क्रोध से तमतमा उठा। उसने बन्दर को अपनी पीठ पर बैठाया और दहाड़ता हुआ बोला चल मेरे साथ, अभी उस कुत्ते की जीवन लीला समाप्त करता हूँ।
और षेर कुत्ते की ओर बढ़ चला।

इधर कुŸाा शेर के दुबारा आ जाने की आषंका से भयभीत था। एक बार फिर उसके आगे जान का संकट आ गया। इससे पहले कि कुत्ता उस अंजान घने जंगल में कहीं दूर भागता या कोई नई युक्ति सोचता षेर उसे पास आता दिख गया।

मगर कुत्ते ने फिर से हिम्मत जुटाई और तुरंत एक नई युक्ति के साथ निर्भिक सा हो कर लेट गया और जोर-जोर से बोलने लगा ! इस बन्दर को भेजे इतना समय होे गया लेकिन वो निकम्मा एक शेर को फंसा कर नहीं ला सका। चलो ठीक है, आज षेर के बजाय बंदर से ही दावत पूरी की जायेगी।

पास आते हुये षेर और बंदर दोनों ने उसकी बात सुनी। ये सुनते ही शेर ने बंदर को दबोच लिया और वापस पीछे की ओर दूर भाग निकला। एक जगह रूक कर षेर ने बंदर को बोला कि तूने मुझसे धोखा किया है। और अंत में बंदर ही इस शेर का भोजन बन गया.

मित्रों इस लघु कथा से हमें शिक्षा मिलती है कि —
> आपके विवेक का परिक्षण विपरीत परिस्थितियों में ही होता है, इसलिये कठीन समय में अपना आत्मविश्वास और संयम कभी नहीं खोना चाहिये।
> दिवार को धक्का देने जैसे बेतुके और मेहनती कार्य की जगह युक्ति पूर्ण और सरल कार्य का सृजन करें। {work Smarter not Harder} > आपकी ऊर्जा, समय और ध्यान भटकाने वाले कई बन्दर आपके आस-पास मिल जायेंगे, उन्हें पहचानिए और उनसे सावधान रहिये। > यथा सामर्थ्य स्वयं का निर्माण करने में व्यस्त रहिये किसी की हानि करने में आपका भी नुकसान संभावित है। {what you put out karma returns back to you}

X~ संयम और युक्ति ~X

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