मोटापा एक ऐसी बिमारी है जो न चाहते हुये भी आपके षरीर में घर बना लेती है और आपके प्यारे षरीर को धीरे-धीरे दीमक की तरह अंदर ही अंदर खोखला करने में लग जाती है। और इसमें सबसे गंभीर बात ये है कि इसका पता आपको तुरंत नहीं लग पाता। जब तक आपको इसका पता लगता है तब तक तो ये मोटापा का बच्चा साल-दो साल का हो गया रहता है, और फिर आप इस बिमारी से बराबर लड़ते रहने का प्रयास करते रहते हैं लेकिन हर संभव प्रयास करने के बाद भी आप इस बिमारी से पीछा नहीं छुड़ा पाते हैं।
तो आइये हम आपको इस बिमारी से छुटकारा पाने के कुछ आसान और घरेलू तरीके बताते हैं।
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आहार में करें विचार
Ø वजन को नियंत्रित रखने में आपका आहार मुख्य भुमिका अदा करता है, यदि आप केवल अपने प्रतिदिन के आहार सेवन में कुछ बातों पर ध्यान देने के साथ अपने मन और जीभ पर नियंत्रण रखेंगे ंतो ये आपके वजन को 30 से 50 तक कम करने में स्वयं सहायक सिद्ध होगा और साथ ही डाॅक्टर और अस्पताल जैसे नाहक और अनचाहे खर्चों से भी बचायेगा।
Ø पहला यह कि ऐसे पदार्थों का सेवन बंद या कम करें जिनमें वसा तथा षर्करा (चीनी) की मात्रा अधिक होती है, यथा संभव मीठे के लिये आप गुड़, षहद या खजूर का सेवन कर सकते हैं।
Ø चाय काॅफी का सेवन कम से कम करें क्योंकि इनमें सोडियम की मात्रा अधिक होती है जो आपके जल प्रतिधारण की क्षमता को बढ़ा देता है और इसकी वजह से षरीर से अनावष्यक जल बाहर नहीं निकल पाता जिसके चलते भी षरीर का वजन बढ़ता है।
ध्यान दें कि एक कप गरम चाय लगभग 150 ग्राम0 षर्करा के बराबर होता है जो कि मोटापे जैसी बिमारी के लिये अति घातक है।
Ø बाहरी तथा बेकरी खाद्य पदार्थों का सेवन यथा संभव कदापि न करें। घर में भी मैदा, रिफाइन आटा या इनसे निर्मित वस्तुओं से बचने का प्रयास करें। हालांकि ये संभव नहीं हो पाता अन्यथा पैसे वाले लोग डेढ़ सौ साल तक जीने लगते।
Ø भोजन करने के नियम में एक और भी बात विषेश ध्यान रखने वाली है कि भोजन को आप पूर्ण रूप चबाकर खायें, क्योंकि बिना चबाये खाया गया भोजन या निगल लिये गये भोजन को पेट द्वारा पचाने में चार गुना समय अधिक लगता है, इसके विपरीत चबाकर या छोटे निवालों में खाया गया भोजन जल्दी पचता है।
संतुलित आहार, का करें व्यवहार
Ø अपने भोजन में चावल या रोटी से पेट भरने की जगह दाल, सलाद, जड़ वाली सब्जि (गााजर, मूली, षलजम आदि), हरी और पत्तेदार सब्जियों तथा जई आदि का सेवन अधिक करें। साथ ही तैलीय तथा चिकने पदार्थों से भी परहेज करें।
Ø आॅंवला, संतरा, अंगूर जैसे रसीले फलों का सेवन जरूर करें, इनमें विटामिन-सी होता है जो षरीर में मौजूद वसा को खंडित कर फैलाने का कार्य करता है।
Ø भोजन के साथ यदि आप अचार लेते हैं तो आप सदैव आॅंवला या नींबू के अचार का ही प्रयोग करें चुॅंकि इनमें प्रचूर मात्रा विटामिन-सी होता है इसलिये ये आपके षरीर में कोई दुश्प्रभाव भी नहीं छोड़ते।
Ø अपनी रसोई में आप रिफाइन तेल की जगह सरसों, तिल, जैतून, मक्खन, गाय घी आदि तेल का इस्तेमाल करें क्योंकि रिफाइन तेल में हाइड्रोजेनेटेड फैट (ट्रांस फैट) मौजूद होता है जो आपके षरीर में वसा का अधिक निर्माण करता है यहाॅं तक कि राईस ब्रान या काॅर्न तेल में भी ट्रांस फैट की अच्छी मात्रा होती है।
समय का ध्यान तो षरीर में जान
Ø कहा जाता है कि जिसने समय की कीमत समझ ली तो समय ने उसको भी कीमती बना दिया। जी हाॅं यहाॅं भोजन लेना भी समय की बंदिष में ही आता है।
आप समय के विपरीत कितना भी पौश्टिक तथा संतुलित आहार सेवन करें वह आपको लाभ की जगह हानि ही देगा, इसलिये आपके सुबह के नाष्ते, दोपहर के भोजन और संध्या भोजन का एक सुनिष्चित समय होना अति आवष्यक है।
अतः इस बात का विषेश ध्याान रखें कि आप अपने भोजन के लिये एक निष्चित समय सारणी तय करें और फिर आपके अपने द्वारा तय किये गये निष्चित समय पर यदि आप अल्पाहार भी लेंगे तो वो आपके असामयिक पूर्णाहार से ज्यादा लाभकारी होगा।
रोज व्यायाम तो बिमारी गुमनाम
Ø आपके षरीर के लिए प्रतिदिन भोजन जितना आवष्यक है वैसे ही प्रतिदिन व्यायाम भी आवष्यक है।
बहुत लोगों के दिमाग में एक बात ये बैठी रहती है कि कसरत या व्यायाम करने से षरीर की ऊर्जा नश्ट होती है जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं होता।
ध्यान दें कि षरीर ने मेटाबाॅलिज्म द्वारा ऊर्जा उपयोग को कई हिस्सों में विभाजित किया होता है, तो व्यायाम करने में आपका षरीर आपके कुल षारिरीक ऊर्जा का केवल दस से ग्यारह प्रतिषत ही प्रयोग में लेता है और जिससे आप प्रतिदिन इतनी सी ऊर्जा निवेष कर के अपने षरीर को मोटापा रहित, चुस्त और निरोगी बनाये रख सकते हैं।
Ø आपके लिये आसान और सम्पूर्ण व्यायाम में दौड़ सर्वोपरि है चाहे वो जाॅगिंग (धीमी गति दौड़) हो या तेज गति दौड़ हो।
इसके अलावा जिनके लिये संभव हो वे तैराकी भी कर सकते हैं क्योकि ये भी सम्पूर्ण व्यायाम की ही श्रेणी में आता है।
तो ये दोनों में से कोई भी कसरत आप प्रतिदिन कमसे कम पंद्रह से बीस मिनट आवष्यक रूप से करंे।
Ø व्यायाम करने में एक बात का विषेश खयाल रखें कि बरसों तक आपके षरीर में जमा हुई चर्बी या मोटापा दो-चार दिन के अतिषय व्यायाम से बिल्कुल नहीं जायेगी इसलिये संयम रखने के साथ प्रतिदिन और नियमित व्यायाम करें तथा अपनी षारिरीक क्षमता से अधिक व्यायाम न करें। अतिषय व्यायाम भी आपको लाभान्वित करने की जगह हानि पहुॅंचा सकता है।
जीवन षैली
Ø सम्भावित तौर पर पूरी आठ घंटे की नींद लें। देर रात तक जागना भी मोटापे को निमंत्रण है।
Ø पेट साफ रखने के लिये रोज सुबह जगने के साथ ही कम से कम दो से 3 गिलास गुनगुने जल का सेवन नींबू के साथ करंे।
Ø प्रतिदिन कम से कम तीन से पाॅच लीटर जल का सेवन करें।
Ø यदि कार्यालय जेैसे स्थान में लम्बे समय तक बैठने का कार्य हो तो प्रत्येक घंटे में पाॅंच मिनट का ब्रेक लें।
Ø यदि बहुमंजिले इमारत में निवास या कार्यालय हो तो आवागमन के लिये सीढ़ियों का प्रयोग करें। इस प्रकार काम के साथ थोड़ी कसरत भी हो जायेगी।
Ø सम्भव हो तो सप्ताह में एक दिन का उपवास भी रखें।
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